अम्मा........


1)

आज आसमान बदरंग है,
मैं गीत नहीं रंग सकता.
माँ को बर्दाश्त कैसे हो,
उसने दी है चुनर धानी....

2)

कहते रहे सब बार बार,
ब्याह दो बिटिया अब,
देखो ना बड़ी हो चली.
अम्मा कैसे मान लें,
अम्मा की वो मंजरी....

2 टिप्पणियाँ:

रश्मि प्रभा... said...

कमाल की भावना

वर्तिका said...

"अम्मा कैसे मान लें,
अम्मा की वो मंजरी...."

:)