छज्जा...



मेरे पुराने टूटे,
जीर्ण नहीं कहता.
बाबू जी के स्नेह,
माँ के चावलों,
संग रहा है,
जीर्ण कैसे हो?

हाँ टूटा है,
मेरी धमाचौकड़ी से.
उसी टूटे छज्जे,
पर आज भी.
आ बैठती है,
आरव आरुषी नित्य.

और आलिंगनबद्ध,
ओस की बूँदें.
ले लेती हैं विदा,
सुथराई काई से.

जो पसर गई है,
बरसों के सानिध्य से.
उनके संघनित,
आद्र से भाव,
करते हैं उत्पादित,
शांत मूक रव.

और फिर बैठ,
जाते हैं गदरा,
भुअरा-करिया कर.
प्रेम में जलन की,
ये गति तर्कसंगत है.

चलने की जल्दी में,
घुटने मेरे भी.
हुए थे काले,
अब भी हैं.

उसी छज्जे पर,
माँ के चावलों,
का मूल्य लौटाने,
कोई चोखी चिड़िया.
संवेदना भरे सुदूर,
निकुंज से ले आई,
पीपल के बीज.
नासपीटे वृंत ने,
न दिए होंगे,
पुष्प-पराग कण.

लो!
मरने से पहले,
काई ने भी,
पुत्र मान सारी,
आद्रता कर दी,
उस बीज के नाम.

श्रेयस, अर्ध-मुखरित,
नव पल्लव आये हैं,
पीले-भूरे जैसे,
बछिया के कान हों.

और दी ले आयीं,
एक उथला कटोरा,
पानी का, जून है,
भन्नाया सा.

क्रंदन-कलरव-कोलाहल.
लो पूरा हुआ,
मेरे छज्जे का,
लयबद्ध-सुरमयी कानन.

11 टिप्पणियाँ:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

क्रंदन-कलरव-कोलाहल.
लो पूरा हुआ,
मेरे छज्जे का,
लयबद्ध-सुरमयी कानन.

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....छज्जे से इतनी आत्मीयता ...अच्छी लगी

मनोज कुमार said...

आपकी इस रचना में मानव / प्रकृति के सूक्ष्म किंतु व्यक्त सौंदर्य में आध्यात्मिक छाप है।

ZEAL said...

sundar rachna

Anonymous said...

बहुत गहरे अर्थ ली हुई कविता चिंतन मयी है !उदात्त भावना से लबरेज कमल की कविता है ! बहुत सुंदर लिखते हैं आप ! बहुत बहुत बधाई !

वाणी गीत said...

छज्जे के लयबद्ध सुरमई कानन को देखा ...
सुन्दर अभिव्यक्ति ...!!

sandhyagupta said...

Sundar aur bhavpurn. Yun hi likhte rahiye.

Harshvardhan said...

bhaav ghehre hai. nice blog

अनामिका की सदायें ...... said...

hamesha ki tarah sunder shabdo me piroyi...mata-pita ke pyar se bhari sunder rachna.

देवेन्द्र पाण्डेय said...

बहुत सुंदर ....वाह!.
हिंदी के कुछ क्लिष्ट शब्दों का प्रयोग है.. अच्छा प्रयोग है लेकिन और भी अच्छा होता कि उनके सरल अर्थ भी नीचे लिख दिए जाते ..जिससे हिंदी के अल्पज्ञ भी कविता के अर्थ का सुख उठाते हुए ज्ञान में वृद्धि कर पाते.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

उत्तम रचना ! नव जीवन की सुन्दर अभिव्यक्ति !
शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद !

Avinash Chandra said...

aap sabhi ka hriday se aabhar...

@bechain aatma,

Sir, kaise klisht shabd?
kripaya dhyaan dilaayein, aage se dhyaan rakhunga