मैं-तुम ...(छोटी कविता..)

तुम्हारा तुम होना,
लगता है मेरे,
मैं होने के जैसा.
मेरा मैं होना,
पसंद नहीं मुझे.
ना ही तुम्हे,
तुम पसंद हो.
दे दो मुझे तुम,
मैं तुम्हे मैं,
देता हूँ आज.
तो लो रखो मुझे,
मैंने भी तुमसे,
तुम लिया.
कल से मिलेंगे,
'हम' गंगातीर.

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