छुटकी....

खींच के देना एक,
अल्लटप्प मेरे सर पर.
और भाग जाना,
कूद के जंगले से.

कितने पग्गल हो,
घोंचू चिल्लर तुम.
निपोर देना खें-खें,
अट्ठाईसी अपनी.

बनाना जोड़ी मेरी,
हर झोल-छबीली से.
रखना खुद के लिए,
सलोना राजकुमार.

नोच देना पोस्टर,
द्रविड़-नागराज के.
चुरा लेना बबलगम,
हाजमोला गोली छोड़ के.

उतरवाना खीर मुझसे,
छींके पर चढा.
नींद में मुझे लगाना,
नेलपॉलिश पैरों में.

तेरी बतियों का जो,
झब लगता था.
सच रे छुटकी,
रब लगता था.

आँगन आज,
उदास पडा है.
जो तेरी दमक,
रोशन लगता था.

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